भारत में पढ़े-लिखे
लोगों के ज्यादातर चुटकुले के कन्टेन्ट सेक्स और महिला की बेवकूफी होती है। यह दो बातों की ओर इंगित करते हैं। पहला कि हम सेक्स
को लेकर बहुत ही कुंठित समाज हैं, दूसरा महिलाओं के प्रति
हमारा दृष्टिकोण बहुत ही घटिया है। हालाँकि बोर्ड और +2
के रिजल्ट से लगातार हर वर्ष यह साबित होता जा रहा है कि वो बेवकूफ
नहीं, बल्कि पुरुषों से भी बेहतर हैं।
सेक्स पर कुंठा का कारण हमारा सेक्स के प्रति दमन,
उसे गलत और पाप समझना है। आज भी सेक्स को पाप समझने वालों की कोई
कमी भारत में नहीं है। हाँ, सेक्स के लिए छुछुआते युवा आपने खुद देखें
होगे अपने आसपास। मित्रों और रिश्तेदारों में।
यह भारतीय मानसिकता
को समझने का एक बेहतर तरीका है, क्योंकि कहते हैं
न कि जिस सच को आप आसानी से नहीं कह सकते, मजाक में अक्सर
व्यक्त कर देते हैं। आप इसकी जड़ में जायेंगे, तो आपको
धार्मिक किताबें मिलेंगी, जिसने सेक्स को नैसर्गिक क्रिया कम
और पाप ज्यादा कहा तथा दमन पर जोर दिया है। दरअसल सेक्स धर्मों के लिए आज भी टैबू
है।
महिलाओं के प्रति
दृष्टिकोण के कारण में भी यही पवित्र किताबें हैं।
सेक्स के मामले में
हमारा ज्ञान अध-कचरा है। वैज्ञानिक तो बिलकुल नहीं। यही कारण है कि रेलवे स्टेशन
और बस स्टैंड में छोटी-छोटी और भ्रामक किताबें सेक्स पर दिख जाते हैं जिसे सबसे
ज्यादा किशोर युवक खरीदते हैं और कुंठित रहते हैं, क्योंकि उनके पास कोई और स्रोत नहीं है।